How To Avoid False Dowry Case
Let’s take a look at how to avoid false dowry case in India
धारा 498ए क्या है।
जैसा कि आप जानते ही हैं दहेज प्रथा महिलाओं के लिए एक अभिशाप है। धारा 498 ए के तहत • महिलाओं को दहेज की मांग के लिए अपने पति एवं उनके रिश्तेदारों की क्रूरता के खिलाफ बचाव की शक्ति प्रदान की गई।
यदि विवाहित महिला पर उसके पति अथवा उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता की जाती है या मानसिक, शारीरिक या किसी अन्य तरह से प्रताड़ित किया जाता है तो उस महिला की शिकायत पर इस धारा के तहत केस दर्ज किए है। उसकीशारीरिक मानसिक सेहत पर कोई खतरा होऐसी प्रताड़ना जिसका उद्देश्य महिला अथवा उससे जुड़े किसी व्यक्ति को किसी जायदाद अथवा कीमती चीज की गैरकानूनी मांग को पूरा करने के लिए मजबूर करना हो।
इसके तहत अपराध की प्रकृति के अनुसार उसे संज्ञेय एवं असंज्ञेय में विभाजित किया जाता है। संज्ञेय अपराध को पुलिस को केस दर्ज करना ही होता है।
देखने में आया है कि महिलाएं इस धारा का दुरूपयोग करती हैं। वह किसी तरह के मतभेद एवं विवाद की स्थिति में पति को फंसाने के लिए इस धारा का सहारा लेती हैं।
नेशनल क्राइम रिपोर्ट एनसीआर के अनुसार अगर 100 शिकायतें दर्ज होती है अगर धारा 498 ए में 100 शिकायतें दर्ज होती है तो उनमें से केवल 15% शिकायतों का निवारण होता है यानी 85 परसेंट मामले झूठे होते हैं इस पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई।
अपने समय समय के निर्णय पर इस धारा को कमजोर कर दिया क्योंकि यह आपराधिक कानून तो है लेकिन पारिवारिक मामला भी है।
राजेश शर्मा वर्सेस स्टेट ऑफ उत्तर प्रदेश 2017
• इसमें कोर्ट ने सीधे ही है आदेश दिए हैं कि धारा 498 में पुलिस किसी भी आरोपी को सीधे गिरफ्तार नहीं कर सकती | जब तक कि किसी बड़ी हिंसा का डर ना हो। चोट ना पहुंची हो या ऐसी कोई नहीं हुई हो तो सीधे रेस्ट नहीं किया जाएगा।
• जैसे ही किसी महिला थाने में ऐसे किसी केस की शिकायत जाती है तो इसमें महिला पुलिस ऑफिसर की ड्यूटी बनती है कि दूसरी पार्टी को इन्फॉर्म करें आधार दूसरी पार्टी को बुलाने का नोटिस भेजें | जिसमें वह प्रारंभिक जांच को कंडक्ट कर सके।
• जिसमें दोनों पक्षों को सुना जाता है और समझौता करवाने की कार्यवाही की जाती है।
• अर्नेश कुमार वी बिहार राज्य
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय के पैरा 13 के तहत यह सुनिश्चित करने के लिए कि पुलिस अधिकारी आरोपी को अनावश्यक रूप से गिरफ्तार न करे और मजिस्ट्रेट हिरासत को अधिकृत न करे, न्यायालय ने निम्नलिखित निर्देश दिए. /How To Avoid False Dowry Case
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